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इस पोस्ट के माध्यम से नीचे "प्रधानमंत्री कुसुम योजना" के बारे मे जानकारी दी गई है | जिसमे आवेदन प्रक्रिया से लेकर योजना के लिए पात्रता आदि सभी विषयों पर चर्चा कर विस्तार मे बताया गया है |
pm kusum yojana | प्रधानमंत्री कुसुम योजनाभारत सरकार द्वारा कृषकों की आय में बढ़ोतरी और उनके आर्थिक विकास के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (PM KUSUM Yojana), जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से कृषकों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना और उनकी आय को बढ़ाना है।
योजना का नाम | PM Kusum Yojana 2025 |
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योजना का उद्देश्य | कृषकों को सौर ऊर्जा प्रदान कराना |
आवेदन लिंक | यहाँ क्लिक करें |
योजना PDF डाउनलोड | डाउनलोड करें |
PM KUSUM YOJANA | प्रधानमंत्री कुसुम योजना के मुख्य उद्देश्य:
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कृषकों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना: यह योजना किसानों को उनकी खेती के लिए स्वच्छ, सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति देने का लक्ष्य रखती है।
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कृषकों की आय में वृद्धि: सौर ऊर्जा संयंत्रों के जरिए किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलता है, ताकि वे अपनी बंजर या कम उपजाऊ भूमि से भी लाभ उठा सकें।
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सौर ऊर्जा का संवर्धन: यह योजना भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देती है।
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पर्यावरण संरक्षण: PM KUSUM योजना से प्रदूषण को कम करने और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
PM KUSUM योजना के घटक:
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सोलर पंप इंस्टॉलेशन: किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे वे डीजल या बिजली के बिना सिंचाई कर सकते हैं।
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सोलर पैनल स्थापना: इसके तहत, किसानों को अपनी बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने का मौका मिलता है। इससे वे उत्पादित बिजली को राज्य सरकार को बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
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सौर ऊर्जा संयंत्र (सोलर प्लांट): किसान अपनी कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं और उत्पादित ऊर्जा को बिजली कंपनियों को बेचकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
इस योजना से भारतीय किसानों को न केवल ऊर्जा संकट का समाधान मिलता है, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होती है, साथ ही यह पर्यावरण की रक्षा करने में भी सहायक होती है।
कुसुम योजना के घटक "अ" के तहत कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र
कुसुम योजना के घटक "अ" के तहत कृषकों को अपनी कम उपजाऊ या बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plant) स्थापित करने का अवसर प्रदान किया गया है। यह संयंत्र चयनित विद्युत सब-स्टेशनों के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में स्थापित किए जाएंगे। इस संयंत्र से उत्पादित ऊर्जा को राज्य शासन को विक्रय कर सकते हैं। इससे कृषकों को एक स्थिर आय प्राप्त होगी और वे अपनी कृषि भूमि का अधिकतम उपयोग कर सकेंगे।
कृषि भूमि पर सौर संयंत्र की स्थापना
किसान, निवेशक या विकासक के माध्यम से अपनी कृषि भूमि पर सौर संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इस योजना के तहत, 500 किलोवॉट से लेकर 2 मेगावॉट तक की परियोजनाओं को स्थापित करने का प्रावधान है। इस पहल से न केवल कृषकों की आय बढ़ेगी, बल्कि सौर ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पंजीकरण और सौर ऊर्जा विक्रय की प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत, प्रदेश में विद्युत कंपनी द्वारा चिन्हित सब-स्टेशनों के पास सोलर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित सीलिंग टैरिफ (दर) पर पंजीकरण प्रक्रिया होती है। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण किया जाता है और सौर ऊर्जा उत्पादकों का चयन किया जाता है। चयनित सौर ऊर्जा उत्पादक, सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादित ऊर्जा को म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को विक्रय कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें विद्युत क्रय अनुबंध (Power Purchase Agreement) पर 25 वर्षों के लिए हस्ताक्षर करना होता है।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
इस योजना के तहत, चिन्हित विद्युत सब-स्टेशनों के 5 किलोमीटर की परिधि में स्थित भूमि पर सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए इच्छुक कृषक, कृषकों का समूह, सहकारी संस्थान, पंचायत, फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन, वाटर यूजर एसोसिएशन, डेवलपर आदि आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर की जाती है, अर्थात जितने आवेदन पहले प्राप्त होंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज:
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- भूमि की रजिस्ट्री
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- ऑनलाइन पंजीयन शुल्क भुगतान की रसीद
- नेट वर्थ प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
✅योजना की नीतियां और शर्तें
यद्यपि सूची में दर्शित सब-स्टेशनों और उपलब्ध RE Injectable Capacity की जानकारी पूरी सावधानी से तैयार की गई है, फिर भी यदि कोई अंतर पाया जाता है, तो संबंधित DISCOMs और म.प्र. ऊर्जा विकास निगम का निर्णय अंतिम और बंधनकारी होगा।
🆕आगामी लक्ष्य और आवेदन तिथि
भारत सरकार से प्राप्त नवीन लक्ष्य के अनुरूप, नई आवेदन प्रक्रिया 14 फरवरी 2025 से शुरू होगी। आवेदन किए गए सभी नए आवेदन प्रतीक्षा सूची में रखे जाएंगे और नियमानुसार उनकी कार्यवाही की जाएगी।
आवेदन की दिनांक निकल चुकी है, जैसे ही नई तारीख निकलेगी आपको हमारे whatsapp group मे सूचना मिल जाएगी, अभी हमारे whatsapp group मे जुड़े |
🔗आवेदन लिंक / Application Link For PM KUSUM YOJANA
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित लिंक पर जाएं:
PM KUSUM Yojana Application Link 👈🔗
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के माध्यम से सरकार ने कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे जहां एक ओर किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा, वहीं पर्यावरण की दिशा में भी एक सकारात्मक बदलाव आएगा। यह योजना किसानों को सशक्त बनाने और भारत को सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है।
योजना की शर्तों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, अतः आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।