गेहूं की बुवाई के समय खाद प्रबंधन और डीएपी,एनपीके, के बेहतरीन विकल्प

Lokesh Anjana
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नमस्कार किसान साथियों एक बार फिर आपकी सेवा में हम हाजिर है। MPKISANNEWS.COM पोर्टल, 

इस बार हम आपसे चर्चा करेंगे गेहूं की बुआई मे खाद प्रबंधन के बारे मे, जैसे ही गेहूं बुवाई का वक्त नजदीक आता है वैसे ही खाद की उपलब्धता मार्केट से जैसे लगभग समाप्त ही हो चुकी है,  इसी समस्या को मद्देनजर रखते हुए हम प्रैक्टिकल आधार पर "डीएपी"(DAP) "एनपीके"(NPK 12.32.16.) इत्यादि खाद के बेहतरीन विकल्प आपके साथ साझा करेंगे तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। 

किसान साथियों जैसे ही 25 अक्टूबर से 10 नवंबर जो कि गेहूं की बुवाई के लिए उचित समय है नजदीक आता है वैसे ही खाद की उपलब्धता बाजार से लगभग समाप्त हो चुकी होती है। या फिर बहुत ही ज्यादा रेट में ब्लैक में या फिर नकली खाद मिलने की संभावना बहुत अधिक रहती है, उसी को मद्देनजर देखते हुए आज की हमारी इस पोस्ट में हम आपसे चर्चा करेंगे की इन खाद के बेहतरीन विकल्प प्रैक्टिकल आधार पर क्या है। 

सबसे पहले तो किसान साथियों हम गेहूं में खाद के बेसल डोस के बारे में चर्चा करते हैं, पिछले कुछ वर्षों से कुछ किसान भाई खाद की मात्रा को खेतों में अंधाधुंध तरीके से वृद्धि कर रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरुप गेहूं के उत्पादन में कोई विशेष फरक तो हमें देखने को नहीं मिल रहा है उसके विपरीत हमारी मिट्टी बहुत ही ज्यादा हार्ड / कठोर हो रही है।

गेहूं की फसल में खाद प्रबंधन के लिए, इन बातों का ध्यान रखना चाइए। - 

  • गेहूं की फसल में 120 किलो नाइट्रोजन (250 से 280 किलो यूरिया उर्वरक) प्रति हैक्टेयर डालना चाहिए. 
  • बुवाई के समय, गेहूं में नाइट्रोजन की आधी मात्रा यानी 60 किलो नाइट्रोजन (लगभग 120-125 किलो यूरिया उर्वरक) प्रति हैक्टेयर डालना चाहिए।  
  • गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए, ज़िंक और आयरन का छिड़काव करना चाहिए. इसके लिए, एक किलो जिंक सल्फ़ेट और 500 ग्राम बुझा हुआ चूना 200 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाना चाहिए. फिर हर 15 दिन के अंतराल पर गेहूं पर 2-3 बार यह छिड़काव करना चाहिए। 
  • गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए, नाइट्रोजन और पोटैशियम सबसे ज़्यादा ज़रूरी पोषक तत्व हैं.
  • गेहूं की खेती के लिए, समशीतोष्ण जलवायु की ज़रूरत होती है. बुवाई के समय, गेहूं के लिए 20-25 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान उपयुक्त माना जाता है. 
  • गेहूं की खेती के लिए, दोमट ज़मीन सबसे अच्छी मानी जाती है
किसान साथियों सबसे पहले तो हमें एनपीके का मतलब समझना होगा (N) मतलब नाइट्रोजन (P)मतलब फास्फोरस, (K)मतलब पोटाश और (S) मतलब सल्फर जानते हैं थोड़ा सा डिटेल में उनके बारे में

(N) मतलब नाइट्रोजन -  किसान साथियों किसी भी खाद के बैग पर विशेष रूप से एनपीके या डीएपी ईटीसी आदि लिखा हुआ रहता है जिसमें N का मतलब होता है नाइट्रोजन अब उसी बैग पर NPK के आगे कुछ नंबर लिखे हुए रहते हैं, जैसे की एनपीके 12.32.16 इसी का विश्लेषण करते हुए इस बैग में यानी कि नाइट्रोजन 12% होता है अब बैग का कुल वजन होता है 50 किलो उसी के अनुसार 50 किलो का 12% यानी कि लगभग 6 किलो नाइट्रोजन इस बैग में पाया जाता है
यूरिया के बेग में नाइट्रोजन 46% प्रतिशत होती है और बैग का वजन होता है 45 किलो यानी की यूरिया के एक बैग में लगभग लगभग 20.7 किलो यूरिया पाई जाती है

(P)मतलब फास्फोरस -  ऐसे ही पी का मतलब होता है फास्फोरस जो की फसल के फुटाव के लिए यह पोषक तत्त्व बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है, इसका विश्लेषण हम करते हैं डीएपी से डीएपी में नाइट्रोजन 18 परसेंट व फास्फोरस 46 पर्सेंट होता है. यानी की 50 किलो के एक बैग में 46 किलो फास्फोरस होता है

(K)मतलब पोटाश - के का मतलब होता है पोटाश यह फसल में दाने की क्वालिटी चमक व वजन में बहुत ही सहायक पोषक तत्व है जैसे कि npk के 12.32.16 में 16 परसेंट पोटाश पाया जाता है जो की डीएपी में शून्य पाया जाता है एनपीके के एक बैग में 8 किलो पोटाश पाया जाता है

(S) मतलब सल्फर  -  एस का मतलब होता है सल्फर जो की एनपीके और dap में शून्य मात्रा में पाया जाता है लेकिन 20.20.0.13 अमोनियम सल्फेट में 13% पाया जाता है यानी की 50 किलो के एक अमोनियम सल्फेट के बैग में लगभग 6:30 किलो सल्फर पाया जाता है

निम्न तालिका में गेहूं की विभिन्न स्थिति में खाद का प्रबंध परसेंट के आधार पर दिया गया है -

 स्थितिनत्रजनफास्फोरस पोटाष
असिंचित40200 कि.ग्रा./हे.
अर्धसिंचित603015 कि.ग्रा./हे.
सिंचित1206030 कि.ग्रा./हे.
देरी से

80

4020 कि.ग्रा./हे.



बुआई की स्थिति के अनुसार खाद प्रबंधन 

उत्पादन स्थिति

बुवाई का समय

बीज दर

खाद की मात्रा और डालने का समय

सिंचित, समय से बुजाई

(25 अक्टूबर से 15 नवम्बर)

100 किग्रा/है.

150ः60ः40 किलोग्राम/हैक्टेयर नत्रजन, फास्फोरस व पोटाश। एक तिहाई नत्रजन बीजाई के समय, एक तिहाई पहली सिंचाई पर व शेष दूसरी सिंचाई पर।

सिंचित, देर से बुजाई

(25 नवम्बर से 25 दिसम्बर)

125 किग्रा/है.

120ः60ः40 किलोग्राम/हैक्टेयर नत्रजन, फास्फोरस व पोटाश। आधा नत्रजन बीजाई के समय व शेष पहली सिंचाई पर।

अधिक देरी से बुजाई

(25 दिसम्बर के बाद)

125 किग्रा/है.

120ः60ः40 किलोग्राम/हैक्टेयर नत्रजन, फास्फोरस व पोटाश। आधा नत्रजन बीजाई के समय व शेष पहली सिंचाई पर।


खाद के अन्य विकल्प 

खाद की उपलब्धता को निम्न तालिका के जरिए आपको समझने मे आसानी होगी, एनपीके, डीएपी, अमोनियम सल्फेट, सुपर 20.20.00.13 आदि के विभिन्न (4 विकल्प) आपके समक्ष निम्न तालिका मे है -

चौथा विकल्प देखने के लिए टेबल स्वाइप करे  ←

बोवनी विकल्प
   1
विकल्प
   2
विकल्प
   3
विकल्प 
   4
अगेती/ कम पानी 2 बैग npk (12.32.16.)
2 बैग यूरिया 
/प्रति हेक्टेयर
2 बैग DAP (18.46.0)
2 बैग यूरिया 
आधा बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
4 बैग ssp (सिंगल सुपर फास्फेट)
3 बैग यूरिया 
आधा बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
3 बैग (20.20.0.13) (अमोनियम सल्फेट)
2 बैग यूरिया 
आधा बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
समय पर 
सिंचित 
4 बैग npk (12.32.16.)
5 बैग यूरिया 
/प्रति हेक्टेयर
3 बैग DAP (18.46.0)
5 बैग यूरिया 
1  बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
8 बैग ssp (सिंगल सुपर फास्फेट)
6 बैग यूरिया 
1 बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
5 बैग (20.20.0.13) (अमोनियम सल्फेट)
4 बैग यूरिया 
1 बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
पिछेती 3 बैग npk (12.32.16.)
4 बैग यूरिया 
/प्रति हेक्टेयर
2 बैग DAP (18.46.0)
4 बैग यूरिया 
1  बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
7 बैग ssp (सिंगल सुपर फास्फेट)
5 बैग यूरिया 
आधा बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टेयर
3 बैग (20.20.0.13) (अमोनियम सल्फेट)
2 बैग यूरिया 
1 बैग पोटाश (60% वाला )
/प्रति हेक्टे
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