नमो ड्रोन दीदी योजना / Namo Drone Didi Yojana
भारत सरकार ने ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए कई पहल की हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना
(namo drone didi yojana) एक अनूठी योजना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए महिलाओं को सशक्त बनाते हैं। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है। इसके तहत सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ लखपति दीदी तैयार करना है।
नमो ड्रोन दीदी योजना 2024 को समझें
यह योजना महिलाओं को संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करती है। केंद्र सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को 15,000 ड्रोन प्रदान करेगी। इसके जरिए वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकेंगी और अपनी आजीविका का समर्थन कर सकेंगी। यह योजना कृषि उद्योग में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देती है और महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग भी प्रदान करती है।
नमो ड्रोन दीदी योजना के लाभ
- महिलाओं के लिए ड्रोन पायलट प्रशिक्षण: इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन पायलटिंग, संचालन और रखरखाव का व्यापक प्रशिक्षण मिलेगा।
- ड्रोन व्यवसाय के अवसर: स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ड्रोन किराए पर देकर आय अर्जित कर सकती हैं।
- खेती में सुरक्षा और दक्षता: ड्रोन का उपयोग कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव को सटीक और सुरक्षित बनाता है।
- वित्तीय प्रोत्साहन: सरकार ड्रोन लागत का 80% वहन करेगी और तकनीकी कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
- स्टार्ट-अप के लिए अवसर: यह योजना महिलाओं को स्टार्ट-अप उद्योग में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है।
पात्रता मापदंड
- आवेदक केवल महिला होनी चाहिए।
- निम्न आवेदक महिला आर्थिक समूह से संबंधित होनी चाहिए।
- कृषि गतिविधि में शामिल होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट आकार की छवि
- खाता पासबुक
- पैन कार्ड
- मेल पता
योजना के लिए आवेदन कैसे करें
आवेदन प्रक्रिया अभी पूरी तरह शुरू नहीं हुई है। सरकार इसकी घोषणा जल्द ही करेगी। आवेदन प्रक्रिया की तैयारी के लिए इन चरणों का पालन करें:
- सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और प्रामाणिक स्रोतों पर जानकारी प्राप्त करें।
- कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हों और ड्रोन तकनीक की समझ बढ़ाएँ।
- कृषि और तकनीकी संगठनों से जुड़ें।
यह योजना महिला सशक्तिकरण और तकनीकी नवाचार का अनूठा उदाहरण है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी और भारतीय कृषि उद्योग को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
परिचालन दिशा-निर्देश :
1. केंद्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी और कार्यान्वयन:
- योजना का कार्यान्वयन विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से किया जाएगा, जिनमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, उर्वरक विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय शामिल हैं।
- ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन और निगरानी समिति गठित की जाएगी, जो योजना की प्रभावी योजना, कार्यान्वयन और निगरानी करेगी।
2. महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता:
- महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन और सहायक उपकरणों की लागत का 80% तक केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान किया जाएगा, जो अधिकतम 8 लाख रुपये तक हो सकती है।
- स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन की खरीद के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी, और इस राशि से वे ड्रोन खरीदने के लिए पैकेज प्राप्त करेंगे, जिसमें ड्रोन के अलावा अन्य सहायक उपकरण जैसे स्प्रे तंत्र, बैटरी सेट, कैमरा, चार्जर आदि शामिल होंगे।
3. वित्तीय मदद और ऋण सुविधा:
- स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण लेने का अवसर होगा, जिसमें 3% की ब्याज दर पर ऋण मिलेगा।
- इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से भी ऋण लेने का विकल्प उपलब्ध होगा।
4. ड्रोन पैकेज में शामिल उपकरण:
- पैकेज में ड्रोन, स्प्रे तंत्र, बैटरी सेट, फोकस कैमरा, चार्जर, एनीमोमीटर, पीएच मीटर, वारंटी, अतिरिक्त बैटरी सेट, प्रोपेलर सेट, प्रशिक्षण, बीमा, और वार्षिक रखरखाव अनुबंध जैसे उपकरण शामिल होंगे।
- इस पैकेज के जरिए, महिला स्वयं सहायता समूहों को एक पूर्ण रूप से कार्य करने योग्य ड्रोन सेट मिलेगा, जो कृषि कार्यों के लिए उपयोगी होगा।
5. प्रशिक्षण और कौशल विकास:
- योजना में ड्रोन पायलट और सहायक के रूप में महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 15 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण में ड्रोन संचालन, पोषक तत्व और कीटनाशक अनुप्रयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- इसके अतिरिक्त, स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य ड्रोन की मरम्मत, फिटिंग और यांत्रिक कार्यों के लिए सहायक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
6. राज्य स्तर पर कार्यान्वयन:
- योजना के कार्यान्वयन में राज्य स्तर पर जिम्मेदार उर्वरक कंपनियां (एलएफसी) शामिल होंगी, जो ड्रोन खरीदने और योजना का कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगी।
- राज्य विभागों, ड्रोन निर्माताओं, स्वयं सहायता समूहों और किसानों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाएगा।
7. योजना की निगरानी और प्रभाव:
- योजना की प्रभावी निगरानी आईटी आधारित प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) के माध्यम से की जाएगी, जिससे ड्रोन संचालन, सेवा वितरण और धन प्रवाह पर निगरानी रखी जा सकेगी।
- ड्रोन पोर्टल के माध्यम से लाइव ट्रैकिंग और जानकारी उपलब्ध होगी।
8. स्थायी व्यवसाय और आजीविका:
- इस योजना का उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थायी व्यवसाय स्थापित करने और अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद करना है।
- कृषि में ड्रोन तकनीक का उपयोग किसानों के लिए बेहतर दक्षता, बढ़ी हुई फसल उत्पादन और कम लागत वाले संचालन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।