एचडी 3385 गेहूं की नई किस्म HD 3385 new wheat variety

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गेहूं एच.डी. 3385: उच्च उत्पादन और गर्मी प्रतिरोधक किस्म (HD 3385 wheat variety )

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली द्वारा विकसित गेहूं की यह विशिष्ट किस्म (एच.डी. 3385) प्लॉट प्रोटेक्शन ऑफ वैरायटीज एण्ड फारमर्स राईट अथोरिटी (PPVFRA) के माध्यम से पंजीकृत है। इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें बड़े हुए तापमान के प्रति असाधारण प्रतिरोधकता देखी गई है।

बार-बार मौसम में होने वाले बदलाव तथा मौसमी तनाव (स्ट्रेस) के प्रति शहनशील किस्म होने के कारण अचानक बदलते मौसम और बदलती जलवायु का विशेष प्रभाव इस किस्म पर नहीं पड़ता |  hd 3385 gehu wheat variety in hindi |


विशेषताएँ

  • तापमान प्रतिरोधकता: एच.डी. 3385 बढ़े हुए तापमान में भी अपनी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता बनाए रखती है। 
  • उत्पादन क्षमता: यह किस्म औसतन 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उत्पादन क्षमता रखती है, और एवरेज उत्पादन क्षमता 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है । 
  • ऊंचाई : एचडी 3385 गेहूं gehun की किस्म की ऊंचाई hieght लगभग 98 cm होती है |
  • कम बीज दर: इस किस्म की उत्कृष्ट टिलरिंग के कारण बीज दर 35-40 प्रतिशत कम होती है, जिससे लागत में भी कमी होती है।
  • रोग प्रतिरोधकता: यह पीले, ब्राउन और ब्लैक रस्ट के प्रति उच्च प्रतिरोधक है।
  • बाजार में मांग: इसके दाने बहुत आकर्षक और बोल्ड होते हैं, जिससे यह बाजार की पहली पसंद बन सकती है और अच्छा भाव मिलने की पूरी संभावना है।


बोनी और कटाई का समय

एचडी 3385 गेहूं की बोनी अक्टूबर माह में की जा सकती है क्योंकि यह अक्टूबर की गर्मी को सहन कर सकती है। और यह किस्म लंबी अवधि की होते हुए भी जल्दी बोनी के कारण समय पर कटाई की जा सकती है | इस किस्म की पकाने की अवधि लगभग 125 दिन से 147 दिनों के बीच मे बताई जा रही है |

HD-3385 गेहूं का उत्पादन

HD-3385 गेहूं के उत्पादन की अगर हम बात करे तो समय पर बुआई करने पर इसका अधिकतम उत्पादन लगभग 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त किया जा सकता है | जो की अन्य गेहूं की किस्मों - HD 2967 किस्म से 15%, HD 3086 किस्म से 10%, DBW 222 से 9% और DBW 187 से 6.7% ज्यादा है।

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एचडी 3385 गेहूं की खेती के लिए सुझाव

  • बीज दर: 30-35 किलो प्रति एकड़ या लगभग 80 किलो प्रति हेक्टेयर।
  • सिंचाई: 4-5 बार सिंचाई आवश्यक है।
  • उर्वरक: एन.पी.के. 100:50:25 और अनुशंसित मात्रा में जिंक का उपयोग करें।

निष्कर्ष

गेहूं एच.डी. 3385 अपने चमत्कारी गुणों के कारण किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है। इसकी उच्च तापमान सहनशीलता और बेहतरीन उत्पादन क्षमता इसे एक अनूठी और सफल किस्म बनाती है, जो आने वाले समय में किसानों की पहली पसंद बन सकती है।

विस्तार मे 

गेहूँ एच.डी. 3385 : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं (IARI) नई दिल्ली द्वारा यह विशिष्ट श्रेणी की अत्युतम गेहूँ की  किस्म एक विशेष प्रक्रिया ( PPVFRA) प्लॉट प्रोटेक्शन ऑफ वैरायटीज एण्ड फारमर्स राईट अथोरिटी के माध्यम से पंजीकृत किस्म है । 

इस किस्म की यह एक सबसे बड़ी विशेषता या कहे कि गुण यह है कि इस किस्म में बड़े हुए तापमान के प्रति असाधारण प्रतिरोधकता देखी गई है। जो आज तक जारी समस्त किस्मों में सर्वाधिक है अर्थात् बढ़े हुए तापमान में भी यह किस्म अपनी उत्पादन क्षमता एवं गुणवत्ता दोनों को बनाये रखती है एवं बार-बार मौसम में होने वाले बदलाव तथा मौसमी तनाव (स्ट्रेस) के प्रति सामान्य उत्पादन देने की क्षमता ने इस किस्म को आज की अनिश्चितता वाली मौसम एवं परिस्थितियों को देखते हुए सबसे सफल एवं व्यवाहरिक किस्म होने का श्रेय प्राप्त है ।

इस किस्म की बोनी अक्टूबर माह में भी की जा सकती है क्योंकि अक्टूबर माह में अक्टूबर हिट याने बहुत गर्म वातावरण होता है चूंकि यह गर्मी के वातावरण को सहन कर लेती है व लम्बी अवधि की किस्म होने के बाद भी जल्दी बोवनी के कारण समय पर इसकी कटाई करना भी आसान है। इस किस्म की ऊँचाई 98 से.मी. है इसकी टिलरिंग काफी अधिक होने, काड़ी कड़क होने से इस किस्म में आड़ा पड़ने (लाजिंग) की समस्या नहीं के बराबर है जिससे उत्पादन स्वभाविक रूप से अधिक प्राप्त होता है ।

इस किस्म का दाना काफी आकर्षक, चमकदार एवं बहुत बोल्ड होने से बाजार की पहली पसंद बनने की इस किस्म में पूरी - पूरी क्षमता एवं अधिकतम बाजार भाव मिलने की पूर्ण संभावना, पीले, ब्राउन एवं ब्लेक रस्ट के प्रति उच्च प्रतिरोधी क्षमता । इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कुंचे निकले अर्थात् टिलरिंग इतना अधिक है जो कि किसी अन्य किस्म में नहीं देखा गया है। जिसके कारण बीज दर लगभग 35-40 प्रतिशत कम जिससे लागत में कमी इस किस्म की उत्पादन क्षमता चपाती वाले गेहूँ  में सर्वाधिक देखी गई है। जो कि अधिकतम लगभग 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर किंतु व्यवहारिक रूप से किसानों के द्वारा 80 क्विंटल हेक्टेयर से भी अधिक उत्पादन लिया गया।

इस किस्म में जबरदस्त टिलरिंग बहुत अच्छी अंकुरण क्षमता के कारण बीज दर मात्र 20-25 किलो एकड़ या लगभग 80 किलो हेक्टेयर गर्मी सहन करने की असाधारण क्षमता के कारण खेत में बारिश की नमी का भी उपयोग करते हुए 5 अक्टूबर से नवम्बर तक अर्ली बोनी हेतु उपयुक्त सिंचाई 4-5 देने व एन.पी.के. 100:50:25 व अनुशंसित मात्रा में जिंक देने पर आदर्श परिणाम जल्दी बोनी की क्षमता के कारण मार्च माह में ही अन्य किस्मों की तरह कटाई के कारण सुविधाजनक ।

गेहूँ की यह एच.डी. 3385 किस्म अपने चमत्कारी गुणों के कारण किसानों की गेहूँ की परम्परागत खेती के बारे में सोच को ही बदल कर रख देगी व एक ऐसा उच्च स्थान प्राप्त करेगी जो आज तक किसी किस्म को प्राप्त नहीं हुआ। अंत में यह गेहूँ खेती करने वाले किसानों के लिए एक वरदान सिद्ध होगी ।


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