महिला सशक्तिकरण की ओर सरकार का एक कदम:गेहूं उपार्जन में महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार, महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं उपार्जन में महिला स्व-सहायता समूहों और ग्राम संगठनों को कार्य देने का प्रावधान किया है। इस नीति के तहत, महिलाएं अब सीधे रूप से उपार्जन प्रक्रिया में भाग ले सकेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सशक्त होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों एवं ग्राम संगठनों को उपार्जन कार्य देने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को निर्धारित कर निर्देश जारी किए गए हैं। यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत समूहों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
महिला स्व-सहायता समूहों के लिए आवश्यक पात्रता
क्र. | पात्रता मानदंड | विवरण |
---|---|---|
1 | पंजीकरण | 1 जनवरी 2025 की स्थिति में कम से कम एक वर्ष पूर्व पंजीकृत होना आवश्यक |
2 | बैंक बैलेंस | समूह के बैंक खाते में न्यूनतम 2 लाख रुपये जमा होने चाहिए |
3 | नियमित बैठकें | समूह द्वारा विगत एक वर्ष में नियमित रूप से बैठकें आयोजित की गई हों |
4 | सदस्यता | समूह के सभी सदस्य और पदाधिकारी महिलाएं ही हों |
5 | पारदर्शिता | विगत वर्षों में उपार्जन कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए |
6 | अनुशंसा | समूह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत की अनुशंसा प्राप्त होनी चाहिए |
उपार्जन प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेज
महिला स्व-सहायता समूहों को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
- पंजीयन प्रमाण-पत्र
- विगत 6 माह का बैंक स्टेटमेंट
- विगत 3 माह की बैठकों का कार्यवाही विवरण
- आवश्यक राशि की उपलब्धता का प्रमाण
- अन्य प्रासंगिक दस्तावेज
सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं
महिला स्व-सहायता समूहों को उपार्जन कार्य के दौरान निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- उपार्जन एवं पंजीयन अवधि के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर का मानदेय
- भारत सरकार द्वारा निर्धारित कमीशन और प्रासंगिक व्यय
- पारदर्शी प्रक्रिया और नियमित निरीक्षण से स्वच्छ एवं निष्पक्ष उपार्जन प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का सुनहरा अवसर
यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगी। महिला स्व-सहायता समूहों को यह अवसर देकर सरकार ने उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी है।
यह योजना महिलाओं को एक नया आत्मविश्वास देगी और उन्हें समाज में मजबूत स्थान दिलाने में सहायक होगी। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्द ही आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करें और इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनें।
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निष्कर्ष
महिला स्व-सहायता समूहों के लिए गेहूं उपार्जन कार्य में भागीदारी न केवल एक आर्थिक अवसर है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस योजना से महिलाओं को संगठित होकर वित्तीय सशक्तिकरण प्राप्त करने का मौका मिलेगा। सरकार की यह पहल न केवल महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण समुदायों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए लिखा गया है और इसमें दी गई जानकारी सरकारी अधिसूचनाओं एवं सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। नीति एवं पात्रता मानदंड समय-समय पर परिवर्तित हो सकते हैं, इसलिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या संबंधित विभाग से पुष्टि करना आवश्यक है। लेख में दी गई जानकारी की सटीकता सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया