हाल ही मे गेहूं की नई new durum variety किस्म Hi 8830 gehun एच आई 8830 पूसा कीर्ति और Hi 8850 (एच आई 8850) विकसित की गई है दोनों किस्मों को उच्च उत्पादन और अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली DURUM/ड्यूरम किस्मों के तौर पर किसानों के लिए विकसित किया गया है | जिसमें से Hi 8830 पूसा कीर्ति गेहूं को कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए अनुशंसित कर जारी कर दिया गया है और Hi 8850 को अभी किसानों के लिए अनुशंसित notified (Release) नहीं किया गया है इस पर अभी शोध जारी है |
Hi 8850 gehun | एच आई 8850 गेहूं
गेहूं की नई new durum variety Hi 8850 (एच आई 8850) विकसित किया जा रहा है, जिसे की अन्य कठिया ड्यूरम किस्मों जैसे पूसा तेजस , पूसा मंगल, पौषण आदि अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्मों के विकल्प के तौर पर किसानों के बीच लाया जा रहा है |
Hi 8850 gehu किस्म अभी (under trial) नवीन किस्मों मे से एक है, और अभी रिलीज (NOTIFIED) नहीं की गई है इस किस्म का बीज केवल सीमित किसानो और बीज कम्पनियों के पास ही उपलब्ध है, अगर इस किस्म का उत्पादन व प्रदर्शन अन्य किस्मों के मुकाबले बेहतर रहा तो आने वाले समय मे इस किस्म किस्म की मांग किसानों के बीच मे बीज के लिए बढ़ सकती है और आने वाले समय मे यह किस्म जल्द रिलीज भी हो सकती है |
Hi 8850 एच आई 8850 का उत्पादन
Hi 8850 gehun गेहूं की किस्म का औसतन उत्पादन 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक लिया जा सकता है साथ ही समय से सिंचित अवस्था मे बुआई करने पर इसका अधिकतम उत्पादन लगभग 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक भी लिया जा सकता है ।
🌾 प्रमुख विशेषताएँ
- उच्च उपज: पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक उत्पादन।
- जलवायु अनुकूलन: विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन।
- रोग प्रतिरोधक: पीला रतुआ, काला रतुआ और भूरे रतुआ से बचाव।
- बेहतर गुणवत्ता: उच्च प्रोटीन और बेहतरीन ग्लूटेन सामग्री।
- समय पर पकने वाली: 140-145 दिनों में फसल तैयार।
बुवाई एवं उर्वरक प्रबंधन
बीज दर: 115-120 किग्रा/हेक्टेयर
बुवाई का समय: नवंबर के पहले सप्ताह से दिसंबर के पहले सप्ताह तक
सिंचाई: 4-5 सिंचाइयाँ आवश्यक
अधिक मुनाफे के लिए सुझाव
- समय पर खरपतवार नियंत्रण करें।
- संतुलित खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें।
- फसल की समय पर कटाई करें।
HI 8850 का बीज कहाँ से प्राप्त करें?
Hi 8850 का प्रमाणित बीज कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), ICAR संस्थानों, सरकारी बीज निगमों और अधिकृत विक्रेताओं से ही प्राप्त करें।
Hi 8850 गेहूं की अन्य विशेषताएं
हमारे यहाँ मे प्रकृति ने कठिया (ड्यूरम) गेहूँ के उत्पादन हेतु अत्यंत आदर्श वातावरण एवं पस्थितियाँ प्राकृतिक रूप से प्रदान की है जिसके कारण कठिया गेहूँ की इस किस्म की क्वालिटी अंतर्राष्टीय स्तर की व उत्पादन अधिकतम प्राप्त होता है जिससे इस | किस्म की बड़ी स्थानीय माँग एवं निर्यात की असीम संभावनाएँ बनी हुई है ।
इस किस्म का पौधा तेजस गेहूं के समान मध्यम ऊँचाई का (ऊँचाई लगभग 85 से 90 से. मी. ) पत्तियाँ चौड़ी, पर्ण कोण, सीधी सतह मोमी, मजबूत बालियाँ सफेद, बालियों पर रूए नहीं, काड़ी कड़क, ऊँचाई अधिक नहीं व जबरदस्त टिलरिंग होने के कारण इसके आड़ा पड़ने (लाजिंग) की समस्या नहीं , पौधा घना, फैलावदार व अधिक कुचे वाले होने के कारण किसानों को भूसा भी अधिक प्राप्त होता है, भूसे के भाव भी बहुत अच्छे मिलने के कारण किसान को लगने वाली गेहूँ की लागत का अधिकतम हिस्सा भूसे की आय में निकल जाता है।
बिमारियों के प्रति प्रतिरोधकता व पाले/ठंड के प्रति सहनशीलता के सभी गुण इस किस्म में अन्य उन्नत ड्यूरम किस्मों की | तरह स्वाभाविक रूप से देखे गए है ।
गेहूं की अन्य नई किस्म 2024-25
- HI - 8826 पूसा पौष्टिक
- Hi - 8830 पूसा कीर्ति
- Hi - 8850 (एच आई 8850)
- DBW - 377 करण बोल्ड
- HD - 3385 (एच डी ३३८५)
- Hi 1650 (pusa ojashvi)