मध्यप्रदेश सरकार की बड़ी पहल: किसानों को केवल 5 रुपये में स्थाई बिजली कनेक्शन मिलेगा !
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है। अब मध्यप्रदेश के किसानों को केवल 5 रुपये में स्थाई बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की है। यह घोषणा भोपाल मे आयोजित 'किसान आभार सम्मेलन' के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय मोहन जी यादव द्वारा की गई है |
यह कदम किसानों की बिजली की समस्या को हल करने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है। इससे किसानों को सस्ती बिजली प्राप्त होगी, जिससे वे अपनी खेती को बेहतर तरीके से चला सकेंगे और उनकी उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी।
यह योजना किसानों को बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में आने वाली समस्याओं को कम करने और उनके आर्थिक बोझ को हल्का करने में मदद करेगी।
प्रदेश के किसानों को 5 रुपये में बिजली का स्थायी कनेक्शन देने की घोषणा करता हूँ... pic.twitter.com/XXAN72Ykte
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 2, 2025
प्रदेश मे कृषि यंत्रों और बीजों के मैले आयोजित किए जाएंगे
भोपाल मे आयोजित 'किसान आभार सम्मेलन' के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय मोहन जी यादव ने अपने भाषण के दौरान कहा की आने वाले समय में उन्नत कृषि यंत्र और बीजों के मेले आयोजित किए जाएंगे, जिससे किसानों की खेती अधिक उत्पादक और लाभदायक बने |
मुख्यमंत्री ने कहा की आज के समय मे सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी अपनी खेती मे और सुधार करते हुए जागरूक बनना होगा और अपने उत्पादन को और बढ़ाना होगा जिससे किसानों को और अधिक मुनाफा मिल सके | मुख्यमंत्री जी ने कहा की ब्राजील, इजराइल के देशों के बीज लाकर अगर किसान खेती करे तो उन्हे अधिक मुनाफा होगा |
आने वाले समय में उन्नत कृषि यंत्र और बीजों के मेले आयोजित किए जाएंगे, जिससे किसानों की खेती अधिक उत्पादक और लाभदायक बने।
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) March 2, 2025
~ डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री@DrMohanYadav51@CMMadhyaPradesh@Aidalsinghkbjp@probhopal pic.twitter.com/iuKOBCGgM3
काँग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए उनके कार्यकाल की आलोचना की। उनका कहना था कि दिग्विजय सिंह के समय में बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, जैसे कि बिजली और सड़कें, और लोग बिजली के तार पकड़ते तो थे, लेकिन करंट नहीं आता था। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि जब उन्होंने उज्जैन में सिंहस्थ के लिए नर्मदा का पानी मांगा था, तो दिग्विजय सिंह ने विधानसभा में इसे असंभव करार दिया था, क्योंकि शिप्रा ऊंचाई पर है और नर्मदा नीचे है। लेकिन अब नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना सफलतापूर्वक बन चुकी है, जो मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण और प्रयासों का परिणाम है। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह के समय की नीतियों और उनके निर्णयों को लेकर आलोचना की है और वर्तमान में किए गए विकास कार्यों को लेकर गर्व महसूस किया है।