js 2303 soybean : कम समय में पक कर अच्छा उत्पादन देने वाली सोयाबीन की नई लोकप्रिय किस्म js 23-03

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JS-23 03 soybean variety details| जे एस 2303 सोयाबीन किस्म का विवरण
सोयाबीन की किस्म JS 2303 एक नई और उन्नत किस्म है, जिसे  जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा विकसित किया है। यह किस्म इस समय सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रही है। 

सोयाबीन की यह किस्म js-2034 और js-9560 सोयाबीन किस्म की अवधि के बराबर बताई जा रही है। बेहतर उत्पादन क्षमता एवं रोग प्रतिरोधी होने के कारण किसानों के बीच 2303 सोयाबीन वैरायटी की सबसे अधिक चर्चा में है। 

खास बात यह है कि सोयाबीन कि इस वैरायटी को रबी एवं खरीफ दोनों सीजन में बोया जा सकता है। New Soybean Variety JS 2303 Detail

जेएस 2303 की विशेषताएँ

  • फसल: सोयाबीन
  • किस्म: जेएस 2303
  • परिपक्वता अवधि: 85-90 दिन
  • औसत उपज: 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • प्रतिरोधक क्षमता: मुख्य कीटों और बीमारियों के प्रति सहनशील
  • विशेषताएँ: उच्च प्रोटीन सामग्री, खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए उपयुक्त
  • अनुशंसित क्षेत्र: मध्य भारत
  • अन्य विशेषताएँ:
    • अच्छी फली पकने की क्षमता
    • अल्प जलवायु परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता
    • बीज का उच्च अंकुरण प्रतिशत
    • रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
सोयाबीन की इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी फली का गुच्छा तीन फलियां वाला रहता है। 2303 सोयाबीन के अंतिम छोर तक तीन फलियों का एक गुच्छा रहेगा। और इस वैरायटी की फलियां चिकनी रहेगी। यह हार्वेस्टर से कटाई के लिए भी उपर्युक्त है।

जेएस 2303 सोयाबीन की यह किस्म पूर्व में रिलीज सोयाबीन वैरायटी m-85 से मिलती-जुलती बताई जा रही है। जल्दी पकने के कारण यह वैरायटी आलू, मटर, प्याज, लहसुन की अगेती खेती करने वाले किसानों के लिए लाभदायक रहेगी।

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