भारत गेहूं की खेती का एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह देश की मुख्य खाद्यान्न फसलों में से एक है। गेहूं को भारत में प्रमुख रूप से रबी की फसल के रूप में उगाया जाता है। भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है
गेहूं में सिंचाई का बहुत अधिक महत्व होता है, गेहूं की फसल पूरी तरह पानी पर निर्भर होती है सांथ ही गेहूं में कई ऐसी महत्वपूर्ण अवस्थाएं होती है जब पौधे को सबसे अधिक पानी या सिंचाई की आवश्यकता होती है और उन महत्त्वपूर्ण अवस्थाओं में पानी देने या ना देने से निश्चित रूप से पौधे के विकास और उत्पादन पर सीधा असर पढ़ता है |
गेहूं में पहला पानी कब दे ?
गेहूं की फसल में सिंचाई का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि सही समय पर सिंचाई करने से फसल की वृद्धि और उपज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सामान्यतः गेहूं में पहला पानी या पहली सिंचाई अंकुरण के 20-25 दिन बाद या कल्ला बनने की अवस्था (Tillering Stage) में की जाती है। इस समय तक पौधे की जड़ों और प्रारंभिक पत्तियों का विकास हो चुका होता है, और पौधे को नमी की आवश्यकता होती है।
सही समय पर पहली सिंचाई के फायदे:
- पौधे की जड़ें गहराई तक बढ़ती हैं।
- कल्ले निकलने की प्रक्रिया मजबूत होती है। और कल्लो में अधिक फुटाव देखने को मिलता है
- पौधे की प्रारंभिक वृद्धि तेज होती है, जिससे बाद में अच्छी उपज प्राप्त होती है।
अगर मिट्टी हल्की (रेतीली) है या सूखा पड़ा है, तो पहली सिंचाई जल्दी भी की जा सकती है, लेकिन इसका सही समय कल्ला बनने की अवस्था ही होता है।
यह गेहूं की वह क्रांतिक अवस्थाओं में से एक अवस्था होती है जो गेहूं के उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाती है इस अवस्था को क्राउन रूट इनिशिएशन (Crown Root Initiation - CRI stage) शीर्ष जड प्रवर्तन अवस्था भी कहा जाता है,
अगर आप गेहूं की शुरुआती अवस्था में जल्दी या गहरी सिंचाई कर देते है तो ऐसे में आपके गेहूं में पीलापन आने की संभावना भी रहेगी साथ गेहूं में पीलापन होने से कल्लो की संख्या में भी कमी आयेगी और जिसका सीधा असर आपके उत्पादन पर पढ़ सकता है|
यदि आपके खेत की मिट्टी अधिक हल्की (पथरीली) या पहाड़ी क्षेत्र वाली है और जल्दी सुख जाती है, तो आप पानी आपके अनुसार समय पर दे सकते है | परंतु अच्छी उपजाऊ गहरी काली या भूरी काली दौमट मिट्टी में आप 20 से 25 दिनों में भी पानी आराम से दे सकते है, परंतु याद रखे अधिक समय तक सुखा रखना भी फसल के लिए हानिकारक हो सकता है और पौधे सुख सकते है इसीलिए कौशिश करे की 20 से 25 दिनों की अवस्था में सिंचाई कर देवे |
गेहूं में क्राउन रूट इनिशिएशन (Crown Root Initiation / CRI Stage ) शीर्ष जड प्रवर्तन अवस्था
गेहूं के पौधे से नई जड़ निकलते हुए|CRI STAGE OF WHEAT |
गेहूं में Crown Root Initiation अवस्था क्यों महत्वपूर्ण होती है
Crown Root Initiation अवस्था पौधे के विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस चरण में पौधे की जड़ों का विस्तार और मजबूती होती है, जो भविष्य में पौधे की पोषण और पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती हैं। इस अवस्था का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
1. जड़ तंत्र का विकास
इस अवस्था में "क्राउन जड़े" (Crown Roots) तने के आधार से निकलती हैं, जो पौधे को मिट्टी में और मजबूती से पकड़ती हैं। यह जड़ें पौधे के पोषण और पानी के अवशोषण की क्षमता को बढ़ाती हैं।
2. पौधे की स्थिरता
क्राउन जड़ें (crown roots) पौधे को स्थिरता प्रदान करती हैं, जिससे पौधा हवा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में गिरने से बचता है।
3. पोषक तत्वों का अवशोषण
इस अवस्था के दौरान जड़ तंत्र का विस्तार गहराई और चौड़ाई दोनों में होता है, जिससे पौधे को मिट्टी के विभिन्न स्तरों से आवश्यक पोषक तत्व और पानी प्राप्त होते हैं।
4. उपज पर प्रभाव
यह चरण पौधे की कुल उपज क्षमता को प्रभावित करता है। मजबूत और अच्छी तरह से विकसित जड़ें पौधे की स्वस्थ वृद्धि और अनाज उत्पादन में मदद करती हैं।
5. सूखा सहनशीलता
मजबूत जड़ें पौधे को सूखे की स्थिति में पानी को गहराई से अवशोषित करने में सक्षम बनाती हैं, जिससे फसल सूखा सहन कर सकती है और खराब मौसम की स्थिति में भी जीवित रह सकती है।
कुल मिलाकर, Crown Root Initiation अवस्था गेहूं के पौधे के दीर्घकालिक स्वास्थ्य, स्थिरता और उच्च उपज सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
बहुत शानदार और किसान हितैषी जानकारी 🙏 धन्यवाद
जवाब देंहटाएंयह जानकारी बहुत बढ़िया लगी 👌
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